बन्दी प्रजनन और चिडि़याघर प्रबंधन
प्राकृतिक पारिस्थितिकी का निरन्तर बढ़ते हुए संकट के कारण विभिन्न वासस्थल तथा प्रजातियाँ लुप्त होने के कगार पर खड़े हैं। इस संकट से निपटने के लिये संकटग्रस्त प्रजातियों का संरक्षण वर्तमान में एक अत्यन्त आवश्यक विकल्प है। चिडि़याघर आजकल केवल जानवरों के प्रदर्शन मात्र का केन्द्र नहीं है और न ही केवल लोगांे को वन्य प्राणियों के विषय में शिक्षा देने का माध्यम है परन्तु यह अब संरक्षण तथा अनुसंधान के महत्वपूर्ण केन्द्र भी हैं।
इस सन्दर्भ में प्रकोष्ठ ने विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम केन्द्रीय चिडि़याघर प्राधिकरण की सहभागिता से चलाये हैं। यह प्रकोष्ठ बन्दी वन्यजीवों की आबादी प्रबंधन, प्रजातियों के लिये उपयुक्त गृह आदि के विषय में भारतीय चिडि़याघर समुदाय को तकनीकी सहायता प्रदान करता है। पर्यावरण तथा वन मंत्रालय, भारत सरकार एवम् राज्यों के वन विभागों को तकनीकी विषयों पर परामर्श देना आदि भी इस प्रकोष्ठ का कार्य है।
वर्तमान में चल रही परियोजनायें :
भारतीय चिडि़याघर में वास करने वाले चयनित संकटकग्रस्त जीवजन्तु की स्टडबुक्स का विकास तथा उनका अनुरक्षण।
चयनित भारतीय चिडि़याघरों में कुछ प्रजातियों के लिये रहने का स्थान तथा उनके लिये बनाये गये बाड़े सुविधाजनक बनाने पर अध्ययन करना।
कार्मिक:
श्री पी. सी. त्यागी, आई.एफ.एस.; वैज्ञानिक-एफ, नोडल अधिकारी (ई-मेलःpctyagi@wii.gov.in)
डा0 पराग निगम, वैज्ञानिक-डी, (ई-मेल: nigamp@wii.gov.in)
शोधकर्ता:
डा0 अनुपम श्रीवास्तव, रिसर्च एसोसियेट
सुश्री मंजरी मालवीय, तकनीकी सहायक
सुश्री निलोफर कुण्डू, जूनियर रिसर्च फैलो
श्री सितेन्दु गोस्वामी, जूनियर रिसर्च फैलो
Last Updated: November 26, 2013