प्राकृतिक वास पारिस्थितिकी
वासस्थल पारिस्थितिकी प्राकृतिक विज्ञान का एक रोचक विषय है। इससे हमें जीव वितरण, उनकी संख्या तथा उनके पारस्परिक सम्बन्धों की जानकारी प्राप्त होती हैं। यह ज्ञान हमारे संरक्षण प्रयासों के लिये, वन्यजीव प्रजातियों के प्रबंधन की परिचर्चा तथा उनके वासस्थल के मुददे के लिये अत्यन्त आवश्यक है। इस संकाय को निम्नलिखित क्षेत्रों में कार्य करने का विशिष्ट शासनादेश दिया गया है:
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वन्यजीव विज्ञान में स्नातकोत्तर पाठयक्रम में विस्तृत तथा चुनौतीपूर्ण शिक्षा प्रदान करने में योगदान देना। |
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विभिन्न पारितन्त्रों के अन्तर्गत वासस्थल की माँनीटरिंग, उनका मूलयांकन एवं उनकी सम्पदा सूची बनाने की तकनीकों सम्बन्धी प्रशिक्षण वन प्रबंधकों को देना। |
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संकटापन्न वासस्थलों की पारिस्थितिकी, उनके घटकों तथा उनका प्रतिनिधित्व करने वाले जीव तत्वों के अध्ययन हेतु विभिन्न अनुसंधान कार्यक्रमों को विकसित करना। |
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अनुसंधान के परिणामों का ज्ञान, माँनीटरिंग क्षेत्र में की गर्इ पहल तथा वन्यजीव सर्वेक्षण द्वारा क्षेत्र संरक्षण की बढ़ावा देना। |
वासस्थल पारिस्थितिकी संकाय के सदस्य , क्षेत्र अनुसंधान के विभिन्न विषयों जैसे -समस्या का निदान करने तथा प्रायोगिक खोज आदि कार्य संलग्न हैं। संकाय के अनुसंधान के कुछ मुख्य क्षेत्र हैं:
- संकटग्रस्त पशु तथा पौधों की पारिस्थितिकी।
- संवेदनशील तथा संकटग्रस्त वासस्थलों की सूची बनाना।
- नष्ट हुए वासस्थलों को पुन: स्थापित करना यथा स्थिती में लाना।
- विपरीत प्रजातियों का पारिस्थितिकी तथा प्रबंधन प्रयासों के प्रति उनकी प्रतिक्रिया |
- विकास के कार्यों का वन्यजीव प्रजातियों तथा उनके वासस्थल पर प्रभाव का मूल्यांकन करना।
वर्तमान में चल रही अनुसंधान परियोजनायें:
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चांगथांग वन्यजीव अभ्यारण, लददाख के उत्तरी भागों में जंगली खुरदारों के प्राकृतिक वासस्थल की पारिस्थितिकी तथा संरक्षण स्थिती ।
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सरिस्का बाघ रिजर्व, राजस्थान में तेंदुए की माँनीटरिंग ।
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जलवायु परिवर्तन तथा मानवजनित क्रियाकलापों के विशेष सन्दर्भ में पश्चिम हिमालय में टिम्बरलार्इन इकोटोन का पारिस्थितिकीय आंकलन
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वासस्थल पारिस्थितिकी संकाय के सदस्य दुर्लभ तथा संकटग्रस्त पौधौं तथा औषधीय पादपों, दुर्गम क्षेत्रों में वन्यजीवों की पारिस्थितिकी के त्वरित सर्वेक्षण तथा संकटग्रस्त प्रजातियों की मानीटरिंग में भी संलग्न है।
इस विभाग के सदस्य की क्षमतायें विभिन्न कार्यों के अनुरूप हैं, जैसे -पौधों का वर्गीकरण, वन पारिसिथतिकी, पहाड़ों में पौध पारिस्थितिकी, पशु पारिस्थितिकी, मत्स्य पारिस्थितिकी तथा पारिस्थितिकी प्रभाव आंकलन आदि में ज्ञान कौशल।
भूपेन्द्र सिंह अधिकारी, पी.एच.डी. |
जे.ए. जाँनसन, पी.एच.डी. वैज्ञानिक- डी. दूरभाष : 0135-2640111-115, विस्तार संख्या : 285 ईमेल : jaj@wii.gov.in |
नवेंदु विनायक पागे, पी.एच.डी. |
डॉ अंजू बरोथ वैज्ञानिक -सी फ़ोन: - 0135-2646246 ईमेल: anju.baroth@wii.gov.in |
Last Updated: July 1, 2020