संकटग्रस्त प्रजाति प्रबंधन
इस संकाय को प्रमुख रूप से भारत में दुर्लभ तथा संकट में पड़ी प्रजातियों के लिये संरक्षण का कार्य करने का शासनादेश दिया गया है। तथा इस कार्य को स्थिती सर्वेक्षण , अनुसंधान, माँनिटरिंग , संरक्षण कार्य योजना का विकास करके तथा परामर्श के माध्यम से करना है।
यह संकाय भारतीय वन्यजीव संस्थान के नियमित शिक्षा, प्रशिक्षण तथा अनुसंधान आदि में बहुमूल्य योगदान दे रहा है। इस संकाय की संरक्षण परियोजनायें इस प्रकार हैं:
आलिव रिडले कछुओं पर अनुसंधान के संकटग्रस्त हिमालय की माँसाहारी पहाड़ी खुरदार जानवरों तथा तीतर की माँनीटरिंग करना, सुनामी जैसी प्राकृतिक आपदाओं का निकोबार द्वीप समूह पर प्रभाव का आंकलन करना, कश्मीर में पाये जाने वाले हंगुल (हिरन) का संरक्षण तथा विकास योजना, भारतीय मोर का पारिस्थितिकी सर्वेक्षण तथा एशियाई खण्ड में पाये जाने वाले काले तथा भूरे भालू का सर्वेक्षण एवं आर्इ.यू.सी.एन. की रेड लिस्ट में प्रजातियों की सूची में संकटग्रस्त प्रजातियों को सम्मिलित करना तथा भारतीय वन्यजीव ( सुरक्षा) अधिनियम के अनुच्छेदों में सम्मिलित सूचियों का पुनरावलोकन करना।
वर्तमान में इस संकाय के सदस्य अनुसंधान परियोजनाओं में व्यस्त हैं। यह अनुसंधान परियोजनायें पर्यावरण तथा संकटग्रस्त प्रजातियों पर हिमालय क्षेत्र से लेकर तटीय क्षेत्रों एवं द्वीप समूह तक, दक्षिण भारत में हिन्द महासागर तथा अंटार्कटिका तक माँनीटिरिंग से संबंधित है। कुछ परियोजनायें प्रबंधकों तथा स्थानीय समुदाय के साथ मिलकर मनुष्य-वन्यजीवों के आपसी विरोधाभास दूर करने से संबंधित हैं।
बिवाश पांडव |
एस.सत्य कुमार, पी.एच.डी. |
के.शिवाकुमार,एम.फिल., पी.एच.डी. वैज्ञानिक- एफ दूरभाष : 0135-2640111-115 विस्तार संख्या : 217 र्इ-मेल : ksivakumar@wii.gov.in |
आर.सुरेश कुमार वैज्ञानिक- इ . दूरभाष : 0135-2640111-115, विस्तार संख्या : 161 मोबार्इल नo : 09359433837 र्इ-मेल : suresh@wii.gov.in |
गोपी.जी.वी., पी.एच.डी. वैज्ञानिक- इ . दूरभाष : 0135-2640111-115, विस्तार संख्या :284 र्इ-मेल : gopigv@wii.gov.in |
अभिजीत दास, पी.एच.डी वैज्ञानिक - डी दूरभाष : 0135-2640111-115 विस्तार संख्या : 205 ई मेल: abhijit@wii.gov.in |
डॉ. लल्लियनपुई कॉलनी वैज्ञानिक - सी Email: lallian [at] wii [dot] gov [dot] in |
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Last Updated: July 1, 2020