सन्दीप कुमार गुप्ता



सन्दीप कुमार गुप्ता
वैज्ञानिक - डी
दूरभाष - 0135-2640111-115, विस्तार 353
ई मेल
skg@wii.gov.in

मैं वर्ष 2002 से संरक्षण आनुवांशिकी व फेारेन्सिक के क्षेत्र में शोध कर रहा हूँ। क्रमविकास आनुवांशिकी एनडीई वन्यजीवों की संख्या मेरा शोध के लिए रूचिकर विषय है। मेरा ग्रुप दुर्लभ व संकटग्रस्त प्रजातियों व वन्यजीव फोरेन्सिक के लिए मोलेक्यूलर तकनीकों के विकास पर कार्य कर रहा है। मैं भारत में गैरकानूनी वन्यजीव व्यापार, संरक्षण व क्रमविकास आनुवांशिकी पर शिक्षण व प्रशिक्षण प्रदान करने का कार्य कर रहा हूँ।

विशिष्टता:

वन्यजीव फोरेन्सिक संरक्षण व क्रमविकास आनुवांशिकी, सैल व मोलेक्यूलर जीव विज्ञान।

जारी परियोनाएं/ उत्तर दायित्व: 

  खुरदारों में आनुवांशिकी विभिन्नता का अध्ययन।
  वन्यजीव अपराध मामलों’ का परीक्षण।
  वन्यजीव संरक्षण और फोरेंसिक के लिए आणविक मार्कर का विकास
जनसंख्या प्रवर्तन और प्रबंधन के लिए बाघों के एप्लाइड संरक्षण आनुवंशिकी

व्यवसायिक पहचान:

  "जर्नल्स आफ फोरेन्सिक रिसर्च” के लिए सम्पादकीय बोर्ड का सदस्य।
  इण्टरनेशनल सोसायटी आफ फोरेन्सिक जेनेटिक्स (ISFG) का सदस्य ।

प्रकाशन की चयन सूची

  प्राइस टी.डी., हूपर डी. एम., बूचानन सी.डी. जोहान्सन यू. एस., टाइटेज टी.डी., आल्स्ट्रोम पी., आल्सन यू., घोष-हरिहर एम., इश्तियाक एफ., गुप्ता एस. के., मार्टेन्स जे. ई., हर्र बी., सिंह पी., तथा मोहन डी (2014)। आला भरने से गीत गाने वाले हिमालयी पक्षी की विविधता कम हो जाती है। नैचर 509, 222-225.
  गुप्ता एस. के., कुमार ए तथा हुसैन एस. ए. (2014) गैर आक्रामक तथा निम्न स्तरीय जैवकीय नमूनांे का प्रयोग करते हुए खुरदारों के सम्पूर्ण माइटोकोन्ड्रियल साइटोक्रोम बी जीन की सीक्वेंसिंग के लिए नोवल प्राइमर्स। कंसरवेशन जेनेटिक्स रिसोर्सेज। इन प्रैस (डी.ओ.आई.: 10.1007। S 12686-014-0143-6)
  कानन के., जानसन जे.ए., कुमार ए., गुप्ता एस.के. (2014) भारत के दक्षिण पश्चिम घाटों से संकटग्रस्त मछली डाकिन्सिया टैम्ब्रापार्निई (एक्टिनोपेट्रिजिल साइप्रिनीफार्मस साइप्रिनिडे)। एक्टा आइचाथिजोजिका एट पिस्टाकोरिया 44 (1): 3-8
  गुप्ता एस.के. तथा कुमार ए. (2014) स्कैट नमूनों से आदमखोर मांसभक्षी की मोलेक्यूलर पहचान। कंसरवेशन जेनेटिक्स रिसोर्सेस। इन पै्रस (डी ओ आई: 10.1007/ ै 2686-013-0109-0)
   गुप्ता एस.के., कुमार ए., हुसैन एस. ए. विपिन तथा सिंह एल (2013) भारतीय जंगली सुअर (सस स्को्रफा क्रिसटेटस) तथा पालतू सुअर ( सस स्का्रेफा डोमेस्टिका) तथा वन्यजीव फारेनसिक्स में इसके उपयोग की साइटोका्रेम बी आधारित आनुवांशिक विभिन्नताएं। साइन्स एण्ड जस्टिस।
  गुप्ता एस.के., कुमार ए. तथा हुसैन एस.ए. (2013) समान सफलता दर के साथ जैवकीय नमूनों की विभिन्नता से पी सी आर- एम्लीफियेबल डी एन ए का निष्कर्ष। कंसरवेशन जेनेटिक्स रिसोर्सेस 5ः 215-217.
गुप्ता एस.के., ज्योत्सना बी., थंगराज के तथा सिंह एल (2011) वन्यजीव अपराध के मामलों में मेसेक्रेड टाइग्रेस की पहचान स्थापित करना। फारेनसिक साइन्स इण्टरनेशनल: जेनेटिक्स 5:73-74.
गुप्ता एस.के., थंगराज के तथा सिंह एल (2011) डी एन ए विश्लेषण द्वारा आइवरी आइडोल के सा्रेत की पहचान। जर्नल आफ फारेनसिक साइन्स। 56:1343-1345.
वानियाराजन ए., गोविन्दराज पी., कार्लस एस.जे. अरूण पी., कुमार ए., जयाकर आर आई, लियोनेल ए.सी. गुप्ता एस., राव एल, गुप्ता एन जे, चक्रवर्ती बी., दीनदयाल एम, सेल्वाराज के, आंदल एस., रेड्डी बी.एम., सिंह एल, थंगराज के. (2011) भारतीय स्त्रियों के बीच बार-बार होने वाली गर्भ हानि से सम्बन्धित माइटोकोन्ड्रियल डी एन ए विभिन्नताएं। माइटोकोन्ड्रियोन 11:450-456
गुप्ता एस.के., थंगराज के तथा सिंह एल, (2006) हाथी उत्पत्ति के फारेनसिक नमूनों की पहचान तथा एक्सिंग के लिए एक सरल व सस्ता मोलेक्यूलर तरीका। जर्नल आफ फारेनसिक साइन्स. 51. 805-807.
गुप्ता एस. के., वर्मा एस. के. तथा सिंह एल, (2005) वन्यजीव अपराध में मोलेक्यूलर दृष्टि: पीफाउल हत्या का एक मामला। फारेनसिक साइन्स इण्टरनेशनल 154:214-217.
शिवाजी एस., खोलकुटे एस. डी., वर्मा एस. के., गौर ए., उमापैथी जी., सिंह ए., सोनटाके एस., शैलेजा के., रेड्डी ए., मोनिका एस., शिवराम वी., ज्योत्सना बी., बाला एस., शकील ए., बाला ए., चन्द्रशेखर बी. वी. एन. गुप्ता एस, प्रकाश एस., तथा सिंह एल. (2003) सहायक पुनरूत्पादन तथा मोलेक्यूलर मार्कर तकनीकी द्वारा वन्यजीवों का संरक्षण। इण्डियन जर्नल आफ एक्सपैरिमेंटल बायोलोजी. 41: 710-723.