प्राणी पारिस्थितिकी तथा संरक्षण जीव विज्ञान
वासस्थल का विभाजन तथा गिरावट आज विश्व भर में जीव और वनस्पति संरक्षण का मुख्य विषय है। यह विषय प्रगतिशील देशों में और भी जटिल हो जाते हैं क्योंकि इन देशों में विकास की बड़ी परियोजनायें तथा स्थानीय समुदायों की निर्भरता प्राकृतिक संसाधनों पर होती है, परिणामस्वरूप वर्तमान में प्राकृतिक संसाधनों पर अत्यधिक भार पड़ रहा है । वनस्पतियाँ तथा प्राणी समूह पिछले दीर्घकाल से नष्ट हो रहे हैं तथा बहुत सारी प्रजातियाँ लुप्त होने के कगार पर खड़ी हैं। वासस्थल के नष्ट होने की दर पृथ्वी पर पायी जाने वाली जीव प्रजातियों की आंकलन की दर से अधिक है। बहुत सारी प्रजातियों की विज्ञान के संज्ञान में आने से पहले ही लुप्त होने की आशंका है।
संरक्षण को सफल बनाने के लिये प्रजातियों के पारिस्थितिकी के विभिन्न रूपों का ज्ञान आवश्यक है। यह विभाग वन्यजीवों के पारिस्थितिकी को समझने में तथा उनके संरक्षण के लिये समर्पित है। इस संकाय के द्वारा चलाये जाने वाले पाठयक्रम के अंतर्गत पशु आबादी, व्यवहार पारिस्थितिकी, जैव भूगोल, सामुदायिक पारिस्थितिकी, पोषण-प्रक्रिया सम्बन्धी पारस्परिक क्रियायें, पद्धतिबद्ध, आनुवंशिकी संरक्षण तथा लक्षित- जनसंख्या गतिशीलता आदि का अध्ययन किया जाता है। इस विभाग का प्रयास आधुनिक प्रौद्योगिकी का प्रयोग करना, जानवरों की आबादी मानीटर करने की पद्धति का विकास करना तथा दुर्लभ प्रजातियों का अन्वेषण करना है। |
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यादवेन्द्र झाला, पी. एच. डी. |
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सन्दीप कुमार गुप्ता वैज्ञानिक - डी, दूरभाष : +91-135-2646343 ईमेल : skg [at] wii [dot] gov [dot] in |
बिलाल हबीब, पी.एच.डी. |
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डॉ. सम्राट मोंडोल सम्राट मंडल वैज्ञानिक - ई दूरभाष : +91-135-2646249 ईमेल: samrat [at] wii [dot] gov [dot] in |
साल्वाडोर लिंगदोह, वैज्ञानिक - डी, दूरभाष : +91-135-2646281 ईमेल: salvador [at] wii [dot] gov [dot] in |
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डॉ. सुत्रिथा दत्ता वैज्ञानिक - डी दूरभाष :0135-2646282 ईमेल: sutirtha [at] wii [dot] gov [dot] in |
विष्णुप्रिया कोलिपकम, पी.एच.डी. विज्ञानिक -सी दूरभाष : +91-135-2646203 ईमेल: vishnupriya [at] wii [dot] gov [dot] in |
Last Updated: December 14, 2021