XXXVI एडवांस्ड वन्यजीव प्रबंधन में स्नात्कोत्तर डिप्लोमा पाठ्यक्रम (10 माह)



एडवांस्ड  वन्यजीव प्रबंधन में स्नात्कोत्तर डिप्लोमा पाठ्यक्रम 1 सितम्बर, 2014 से 30 जून, 2015 तक 

भारतीय वन्यजीव संस्थान

यह संस्थान वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में अनुसंधान एवं प्रशिक्षण के लिए राष्ट्रीय नोडल एजेन्सी है।  इसके अधिदेश में वन्यजीव विज्ञान में गुणात्मक ज्ञान को बढ़ाना तथा वन्यजीव संरक्षण में राष्ट्रीय प्रयासों को पूर्ण करना सम्मिलित है।  पिछले वर्षों में संस्थान द्वारा  वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में वैज्ञानिक नियोजन, प्रबंधन एवं अनुंसधान के लिए आवश्यक क्षमता वृद्धि से सम्बंन्धित आवश्यकताओं की पूर्ति  की गई है।

पाठ्यक्रम पृष्ठभूमि   

संरक्षित क्षेत्रों (PAs) की स्थापना एवं प्रबंधन के द्वारा जीवविज्ञानीय विविधता के संरक्षण को वैश्विक मान्यता प्राप्त है ।  यह भी महत्वपूर्ण है कि इन प्रकार के संरक्षित क्षेत्रों का लैन्डस्केप परिसर (जहाँ ये स्थित है) के घटक के रुप में प्रबंधन किया जाये ।  संरक्षित क्षेत्र नेटवर्क के प्रबंधन के लिए, वन्यजीव क्षेत्रों तथा इसके सहयोगी व बाहरी तत्वों के प्रबंधन में समुचित ज्ञान एवं कौशल रखने वाले कार्मिकों की आवश्यकता होती है। संरक्षित क्षेत्र परितंत्र के प्रबंधन के लिए समुचित योग्यता सहित व्यवसायिकों का एक समूह विकसित करने की दृष्टि से वर्ष 1977 में वन्यजीव प्रबंधन में पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा पाठ्यक्रम प्रारम्भ किया गया था । अब तक ऐसे चैंतीस पाठ्यक्रम पूरे किये जा चुकें  हैं, और 35वां पाठ्य्क्रम पूरा होने वाला है।  यह 36वां पाठ्यक्रम 01 सितम्बर, 2014 से प्रारम्भ होकर दस माह की अवधि का होगा।  इस पाठ्यक्रम में कुल 20 सीटें है।  

पाठ्यक्रम के उद्देश्य

  • वन्यजीव विज्ञान में आधुनिक अवधारणाओं हेतु मजबूत आधार प्रदान करना।
  • संरक्षण से सम्बन्धित वैश्विक, क्षेत्रीय, राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर की संरक्षण नीतियों तथा विधानों एवं उनको  लागू करने सम्बन्धी समझ प्रदान करना।
  • वन्य पादपों एवं प्राणियों की तथा उनके संरक्षण की अतिसंवेदनशीलता सहित प्रजातियों तथा क्षेत्रों में विविध पारिस्थितिकीय,सामाजिक-आर्थिक, राजनैतिक तथा प्रशासकीय परिस्थितियों में संरक्षण समबन्धी मुद्दों एवं पद्धतियों का ज्ञान एवं प्रत्यक्ष अनुभव प्रदान करना। 
  • आधुनिक वैज्ञानिक विधियों, तकनीकों और साधनों, जो क्षेत्र में संरक्षण पद्धतियों के आवश्यक अंग हैं,  का प्रत्यक्ष अनुभव प्रदान करना।  
  • वैज्ञानिक अभिलेखों के लेखन और प्रभावकारी प्रस्तुतीकरण देने के कौशलों का विकास करना। 
  • समन्वित वैज्ञानिक वन्यजीव प्रबंधन योजना तैयार करने के कौशल विकसित करना।
  • प्रतिभागियों को क्षेत्रीय परिस्थितियों में संरक्षण सम्बन्धी विभिन्न चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करना। 

योग्यता

यह पाठ्यक्रम भारतीय वन सेवा तथा राज्य वन सेवा के उप वन संरक्षक/सहायक वन संरक्षक तथा समकक्ष स्तर के सेवारत् अधिकारियों के लिए है।  अभ्यर्थियों का वानिकी पृष्ठभूमि के साथ किसी भी प्राकृतिक विज्ञान विषय में न्यूनतम स्नातक होना आवश्यक है। 

समकक्ष स्तर के वानिकी पृष्ठभूमि के विदेशी अभ्यर्थी भी इस पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए योग्य है,यदि वे अंग्रेजी भाषा का  पर्याप्त ज्ञान रखते हों। भारतीय एवं विदेशी अभ्यर्थियों की आयु 01.09.2014 को 45 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिये। उन्हें शारीरिक रूप से स्वस्थ होना चाहिये ताकि वे कठिन आउटडोर फील्ड प्रशिक्षण कार्यक्रम  में भाग ले सकें ।  

पाठ्यक्रम में प्रवेश 

भारतीय अभ्यर्थी 

राज्य वन विभाग उप वन संरक्षक/सहायक वन संरक्षक स्तर के उन वन अधिकारियांे को नामित कर सकते हैं जो योग्यता के मानदण्ड पूर्ण करते हों ।  सभी अभ्यर्थियों को संलग्न किये गये निर्धारित फार्म में अपना बायोडाटा तथा पासपोर्ट विवरण भर कर तथा राज्य सरकार के सक्षम अधिकारी से पृष्ठांकन कराने के पश्चात् इस संस्थान को भेजना है।

विदेशी अभ्यर्थी  

ग्लोबल टाईगर फोरम्, नई दिल्ली या अन्य किसी भी प्रायोजक एजेंसी द्वारा प्रायोजित विदेशी अभ्यर्थियों के नामांकन भी संस्थान द्वारा मान्य किये जाते हैं।  

पाठ्यक्रम के घटक  

इस पाठ्यक्रम की अवधि दस माह की है जो 01 सितम्बर 2014 से प्रारम्भ हो कर 30 जून, 2015 तक होगी। यह पाठ्यक्रम निम्नानुसार चार अलग-अलग उप घटकों में विभाजित हैः-

क्रम.  सं.  उपघटक  अवधि
1 संरक्षण  जीव विज्ञान    1 सितम्बर से 28 सितम्बर
2 वन्यजीव संरक्षण हेतु साधन एवं तकनीकें 29 सितम्बर से 21 दिसम्बर
3 उन्नत वन्यजीव प्रबंधन पद्धतियां 22 दिसम्बर से 22 अप्रैल 
4 समन्वित वन्यजीव प्रबंधन नियोजन 23 अप्रैल से 30 जून

पाठ्यक्रम संरचना की व्यापक रूपरेखा में निम्नलिखित मॉड्यूल  सम्मिलित किये गये हैं:-

1. संरक्षण जीवविज्ञान -उन्नत वन्यजीव पारिस्थितिकी तथा व्यवहार , 2. वन्यजीव संरक्षण हेतु साधन एंव तकनीकें - अनुप्रयुक्त जनसंख्या पारिस्थितिकी , वन्यजीव स्वास्थ्य प्रंबंधन, वन्यप्राणियों का निरोध एंव निश्चेतन, वन्यजीव प्रंबंधन में रिमोट सेंसिंग तथा जी.आई.एस. तकनीकों का अनुप्रयोग, पारिस्थितिकीय विकास के साधन, पर्यावरणीय एंव सामाजिक प्रभावों का आंकलन, 3. उन्नत वन्यजीव प्रंबंधन पद्वतियां - वन्यजीव प्रबंधन में नीतियाँ एंव कानून: वन्यजीव  अपराधों का अभियोजन, वैटलैंड तथा समुद्रतटीय वासस्थलों का प्रंबंधन, बंदीकृत प्राणियों का प्रबंधन, वन्यजीव संरक्षित क्षेत्र प्रबंधन के सिद्धान्त एवं पद्धतियां,वन्यजीव प्रबंधन के मानवीय आयाम तथा द्वंद्वसमाधान, जैवविविधता संरक्षण हेतु पारिविकास नियोजन, पर्यटक उपयोग प्रबन्धन तथा इन्टरप्रेटिव प्लानिंग, एवं 4. समन्वित वन्यजीव प्रबंधन नियोजन।

क्षेत्रीय दौरे

1.  अनुकूलन दौरा,  2. ऊंचे स्थानों पर तकनीकी दौरा,  3. तकनीकी दौरा,  4. प्रबंधन दौरा,  5. मैनेजमेंट टर्म पेपर अभ्यास एवं 6.  प्रबंधन योजना अभ्यास। 

इसके अतिरिक्त प्रशिक्षण अवधि के दौरान समय-समय पर निकटस्थ संरक्षित क्षेत्रों/संस्थानों/संगठनों/चिडियाघरों में भी क्षेत्रीय भ्रमणों का आयोजन किया जाता है।

इस पाठ्यक्रम में प्रबंधन दौरे के भाग के रूप में एक विदेश अध्ययन दौरा भी आयोजित किया जायेगा। इस पाठ्यक्रम में सम्मिलित होने वाले भारतीय एवं विदेशी अभ्यर्थियों के पास उनका वैध पासपोर्ट होना आवश्यक है।

उपस्थिति

पाठ्यक्रम के सभी घटकों, दौरों, भ्रमणों, व्याख्यानों, प्रायोगिक सत्रों, परीक्षाओं, समूह चर्चाओं तथा संगोष्ठियों में भाग लेना अनिवार्य है। इसके अतिरिक्त डिप्लोमा प्राप्ति के लिए प्रशिक्षणार्थियों को टर्म पेपर तथा प्रबंध योजना अभ्यासों को सफलतापूर्वक पूर्ण करना आवश्यक है। उपरोक्त वर्णित किसी भी गतिविधि में भाग न लेने की दशा में सम्बंधित अभ्यर्थी के डिप्लोमा को तब तक रोका जा सकता है जब तक कि उस गतिविधि को आगामी डिप्लोमा पाठ्यक्रम मंे पूरा न कर लिया जाये ।

डिप्लोमा प्रदान किया जाना

केवल उन्हीं अभ्यर्थियों को पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा प्रदान किया जायेगा, जो प्रत्येक मॉड्यूल में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक प्राप्त करेंगे।  उन अभ्यर्थियों को, जो 75 प्रतिशत या उससे अधिक समग्र औसत अंक प्राप्त करेंगे, आॅनर्स डिप्लोमा प्रदान किया जायेगा।  वे अभ्यर्थी जो डिप्लोमा हेतु निर्धारित अर्हता प्राप्त करने में विफल रहेंगे, उन्हें केवल उपस्थिति प्रमाण प्रत्र प्रदान किया जायेगा।

प्रशिक्षण व्यय

भारतीय अभ्यर्थी   

राज्य वन विभाग द्वारा नामांकित अभ्यर्थियों पर होने वाले समस्त व्यय का वहन संस्थान द्वारा किया जायेगा।  इस व्यय में पूरी प्रशिक्षण अवधि के दौरान भोजन-आवास व्यवस्था, संस्थान के यात्रा भत्ता नियमों के अनुसार आने जाने का यात्रा किराया  (अपने पदस्थिति के स्थान से आने और वापस वहां जाने के दौरान) क्षेत्रीय दौरे, क्षेत्रीय उपकरण, कैंपिग गियर, संसाधन सामग्री, आदि व्यय सम्मिलित हैं |  प्रशिक्षण अवधि के दौरान चिकित्सा देयकों की प्रतिपूर्ति संबधित राज्य शासन द्वारा वहां प्रचलित नियमों के तहत् की जायेगी।

विदेशी अभ्यर्थी

विदेशी अभ्यर्थियों के लिए प्रशिक्षण भत्ते व आने जाने के व्यय को छोड़कर पाठ्यक्रम शुल्क US$ 18590 होगी । इस पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए आने जाने का व्यय/ किराया तथा प्रशिक्षण या अन्य देय भत्ता प्रायोजक एजेंसी द्वारा वहन किया जायेगा।

प्रायोजक एजेंसियों को परामर्श दिया जाता है कि प्रायोजित अभ्यर्थियों का प्रशिक्षण अवधि के लिए चिकित्सा उपचार हेतु व्यापक रूप से बीमा करायें। पाठ्यक्रम अवधि के दौरान भोजन-आवास व्यवस्था का व्यय प्रशिक्षण लागत में सम्मिलित है।

यात्रा तथा कैम्पिंग फील्ड गियर/उपकरण, लेखन सामग्री, पुस्तकें/अध्ययन सामग्री तथा  छात्रावास सुविधा सभी प्रतिभागियों को प्रदान की जायेगी।

प्रायोजित अभ्यर्थियों को पाठ्यक्रम में प्रवेश के समय उपरोक्त राशि का एक बैंक ड्राफ्ट देहरादून में देय निदेशक, भारतीय वन्य जीव संस्थान के नाम से बना कर भेजना होगा।  पाठ्यक्रम शुल्क का बैंक ट्रांसफर द्वारा भी भुगतान किया जा सकता है।    

भोजन/आवास व्यवस्था

संस्थान द्वारा छात्रावास में भोजन तथा आवास सुविधायें प्रदान की जायेगी। 

अन्तिम तिथि

विदेशी अभ्यर्थियों एवं भारतीय अभ्यर्थियों के पूरी तरह पूर्ण नामांकन श्री प्रताप सिंह, पाठ्यक्रम निदेशक ;(email: pratapsingh@wii.gov.in) को सम्बोधित तथा एक प्रतिलिपि डॉ.  पी0के0 माथुर, संकाय अध्यक्ष (email: dean@wii.gov.in) के  पास आवश्यक रूप से 1 जुलाई, 2014 तक पंहुच जाने चाहिए।

अधिक जानकारी के लिए कृपया सम्पर्क करें :-

श्री प्रताप सिंह, पाठ्यक्रम निदेशक
श्री असीम  श्रीवास्तव, सह-पाठ्यक्रम निदेशक

XXVI  वन्य जीव प्रबंधन में उच्चतर पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा पाठ्यक्रम
भारतीय वन्य जीव संस्थान चन्द्रबनी, देहरादून - 248001, उत्तराखण्ड, (भारत)
दूरभाषः +91-135-2640111 से 115; फैक्सः  +91-135-2640117,
ई-मेलः pratapsingh@wii.gov.in, aseems@wii.gov.in, wii@wii.gov.in

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