अवसर



भारतीय वन्यजीव संस्थान भारत के तथा विदेशों के भावी उम्मीवारों को अपने अनुसंधान तथा शिक्षा के विकास करने हेतु अवसर प्रदान करता है। अनुसंधानकर्ताओं तथा प्रौद्योगिकी सहायक नियमित रूप से भारतीय वन्यजीव संस्थान द्वारा विभिन्न प्रजातियों तथा थीम्स पर चलायी जा रही परियोजनाओं में संलग्न है। यह परियोजनायें अधिकतर शिक्षार्थियों को एम.फिल तथा पी.एच.डी की उपाधि के लिये उपयोगी सिद्ध होती है और वे इन्हीं विषयों में किसी भी विश्वविद्यालय से एम.फिल या पी.एच.डी की डिग्री के लिये शोध कर सकते हैं।

भारतीय वन्यजीव संस्थान को सौराष्ट्र विश्वविद्यालय राजकोट, गुजरात तथा फारेस्ट रिसर्च इन्स्टीट्यूट विश्वविद्यालय, देहरादून के अनुसंधान केन्द्र के रूप में मान्यता प्राप्त है। यह केन्द्र अनुसंधानकर्ताओं के लिये उपयोगी है जो कि भारतीय वन्यजीव संस्थान के संकाय सदस्यों के अधीनस्थ अनुसंधान कर रहे हैं। भारतीय वन्यजीव संस्थान उन अनुसंधानकर्ताओं को भी जो अन्य विश्वविद्यालयों में पंजीकृत हैं, अपने केन्द्र से अनुसंधान करने के लिये प्रोत्साहित करता है, जिनका अनुसंधान कार्य स्वपोषित है। पोस्ट दोक्टोरल डिग्री लेने के अवसर भी इच्छुक उम्मीदवारों को दिये जाते हैं। वे या तो ’रिसर्च एफीलियेट’ या ’यंग साइंटिस्ट प्रोग्राम’ द्वारा किसी भी एजेन्सी, जैसे विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा अपने अनुसंधान को प्रायोजित करवा सकते हैं । अल्पावधि इन्टर्नशिप कार्यक्रम भी विश्वविद्यालय के उन विद्यार्थियों के लिये चलाये जाते हैं, जो कि सत्र के मध्य में सक्षमता वृद्धि के कोर्स करना चाहते हैं। अन्तर्राष्ट्रीय उम्मीद्वार भारतीय वन्यजीव संस्थान में नियमित रूप से आते हैं। वे प्रतिस्पर्धा फैलोशिप कार्यक्रम, जैसे (फुलब्राइट फैलोशिप) या इन्टर्नशिप कार्यक्रम जो भारतीय वन्यजीव संस्थान द्वारा चलाये जाते हैं, के अन्तर्गत भी आते हैं।

अनुसंधान/अकादमिक अवसरों को विभिन्न वर्गों के अन्तर्गत् प्राप्त करने के नियम तथा रेगुलेशन निम्न प्रकार से हैं

 

 भारतीय वन्यजीव संस्थान में डॉक्टोरल अनुसंधान की स्थिति ( मार्च 2014 तक)


बाह्य विद्यार्थियों जो भारतीय वन्यजीव संस्थान से सम्बद्ध है, उनका स्टेटस ( 31 मार्च 2011 तक) (साईज 72.2 के.बी में)

सम्पर्कः
डा0बितापी सी.सिन्हा
अनुसंधान समन्वयक
ई-मेलः bcs@wii.gov.in

या 

डॉ जी एस रावत
डीन, वन्यजीव विज्ञान संकाय
ई-मेलः rawatg@wii.gov.in