सिटिजन चार्टर



परिचय
भारतीय वन्यजीव संस्थान की स्थापना सन् 1982 में देहरादून में की गई थी। वर्ष 1986 में इसे केन्द्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली की एक स्वायत्त शासी संस्था का दर्जा प्रदान किया गया। भारतीय वन्यजीव संस्थान को अब जैव विविधता में अनुसंधान करने तथा प्रशिक्षण देने का एक प्रमुख क्षेत्रीय केन्द्र माना जाता है। संस्था की स्थापना के पश्चात बड़ी संख्या में दूसरे विकासशील देशों, खासकर दक्षिण-एशिया तथा दक्षिण-पूर्र्व एशिया के वनविभाग कर्मियों तथा वन्यजीव प्रबंधकों को प्रशिक्षित किया गया। भारतीय वन्यजीव संस्थान ने जैव विविधता के कार्यों तथा सहकल्पनाओं को नई दिशा दी है और उन्हें व्यावहारिक बनाकर स्थानीय समुदायों को भी इन कार्यों में सम्मिलित किया गया है। यद्यपि परिवर्तनशील परिदृश्य में निरन्तर उत्पन्न परेशानियाँ और चुनौतियाँ विशाल और विविध होती रही हैं, भारतीय वन्यजीव संस्थान स्वयं तथा अन्यों के अनुभव से सीख लेने के कारण एक आशा की डगर पर चलता है, जिससे विकासशील विश्व में संरक्षण से संबंधित मुद्दों तथा समस्याओं का समाधान करता है।

विज़न 
वन्यजीवन विकास का पोषण करने और संरक्षण में अपने अनुप्रयोगों को बढ़ावा देने, भारत की संस्कृति और सामाजिक आर्थिक परिवेश के अनुरूप बनाना है।

मिशन

भारतीय वन्यजीव संस्थान को वन्यजीव अनुसंधान, प्रशिक्षण तथा सलाहकारिता के क्षेत्र पक्षपोषण में एक उत्कृष्टता का वैश्विक केन्द्र के रूप में विकसित करना है।

उददेश्य

I.  वन्यजीव विज्ञान में ज्ञान भण्डार का विकास करना।

II. वन्यजीव संरक्षण तथा प्रबंधन में वन कर्मियों की तथा अन्य स्तर के प्रमुख सहकर्मियों की क्षमता बढ़ाना। 

III. वन्यजीवों से जुड़े कार्यों के सक्षम प्रबंधन के लिये अनुसंधान परियोजनायें बनाना तथा उनका सफल कार्यान्वयन करना।

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