भा.व.सं. में एशिया एवं प्रशांत क्षेत्र के लिये यूनेस्को के प्रशिक्षण केन्द्र की आधारशिला रखे जाने का समारोह



संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) के एशिया एवं प्रशांत क्षेत्र के लिये विश्व प्राकृतिक धरोहर प्रबंधन व प्रशिक्षण पर श्रेणी 2 केन्द्र की आधारशिला भारतीय वन्यजीव संस्थान में 30 अगस्त, 2014 को श्री प्रकाश जावडे़कर, सम्माननीय पर्यावरण, वन जलवायु परिवर्तन मंत्री (स्वतन्त्र प्रभार), भारत सरकार द्वारा रखी गई। केन्द्र का ध्येय एशिया एवं प्रशांत क्षेत्र में विश्व प्राकृतिक धरोहर स्थल अभिलेख, सुरक्षा संरक्षण एवं प्रबंधन में शामिल सभी व्यावसायिकों व निकायों की दक्षता निर्माण के द्वारा एशिया एवं प्रशांत क्षेत्र में विश्व धरोहर अधिवेशन के क्रियान्वयन को सुदृढ़ करना है। यह केन्द्र  (अ) कार्यशालाओं, पाठ्यक्रमों और अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलनों सहित अल्पावधि एवं दीर्घावधि दक्षता निर्माण गतिविधियां आयोजित करेगा; (ब) समुदाय सहभागिता के माॅडलों पर विशेष रूप से केन्द्रित करते हुए प्राकृतिक विश्व धरोहर सुरक्षा एवं प्रबंधन से सम्बन्धित चिन्ह्ति किये गये प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर शोधकार्य करना; (स) क्षेत्र से सम्बन्धित प्राकृतिक विश्व धरोहर  मुद्दों पर  जनसामान्य  की पहुंच में आने वाले प्रलेखलन केन्द्र को विकसित करना एवं बनाये रखना; (द) अन्य क्षेत्रीय संसाधन केन्द्रों के साथ विशेषज्ञों के आदान-प्रदान हेतु कार्यक्रमों को लागू करना; एवं (इ) विश्व धरोहर स्थल प्रभंधको के क्षेत्रीय नेटवर्क के विकास को आसान बनाना एवं यूनेस्को विश्व धरोहर अधिवेशन की स्टेट पार्टीज के साथ उनकी गतिविधियों एवं विश्व धरोहर से संबंधित मौजूदा श्रेणी 2 केन्द्रों के नेटवर्क का समन्वय करना।

हालांकि सांस्कृतिक धरोहर पर यूनेस्को ने चीन, नार्वे, दक्षिण अफ्रीका, बहरीन, मेक्सिको,   इटली, ब्राजील और स्पेन जैसे देशों में आठ केन्द्र बनाये हैं, पर प्राकृतिक विश्व धरोहर पर कार्य करने वाला भा.व.सं. में स्थापित केन्द्र विश्व का पहला केन्द्र है।

भा.व.सं. में यूनेस्को केन्द्र की आधारशिला रखे जाने के उपलक्ष्य में आयोजित एक समारोह में भा.व.संत्र के निदेशक डा.वी.बी.माथुर ने केन्द्र के बारे में बताया और कहा कि यह केन्द्र प्राकृतिक धरोहर के परिरक्षण में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों में योगदान के लिये भा.व.सं. की क्षमताओं की वैश्विक मान्यता को दर्शाता है। सम्माननीय केन्द्रीय मंत्री श्री प्रकाश जावडे़कर ने प्रोफेशनल्स और कर्मचारियों के बड़े समूह को सम्बोधित करते हुए (http://youtu.be/2bjOuKbzydI)), भा.व.सं. के प्रयासों को श्रेय दिया, जिनमें यूनेस्को केन्द्र की स्थापना हेतु प्रयास एवं समन्वित विकास एवं संरक्षण नियोजन हेतु विभिन्न अनुसंधान परियोजनाओं के प्रयास शामिल हैं। उन्होंने प्रकृति से उनके जुड़ाव और गहरी रूचि के बारे में बताया और देश की प्राकृतिक सम्पदा की सुरक्षा हेतु अपने संकल्प को दोहराया। उन्होंने पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को तकनीकी सलाहकारिता में भा.व.सं. के योगदान का स्वागत किया एवं संगठन के समग्र कल्याण व राष्ट्र निर्माण हेतु सहयोग मांगा।

आधारशिला  रखे जाने एवं उसके बाद के आयोजन में डा. एस.एस. गब्र्याल, वन महानिदेश्क एवं विशेष सचिव, भारत सरकार, श्री ए.के. श्रीवास्तव, अतिरिक्त वन महानिदेशक, पर्या; वन एवं जल. परि. मंत्रालय; देहरादून में स्थित सहयोगी संगठनों के मुख्य कार्यपालक गण एवं वरिष्ठ अधिकारियों भा.व.सं. के संकाय सदस्यों, कर्मचारियों शोधकर्ताओं व विद्यार्थियों ने भाग लिया। 

इस अवसर पर सम्मानीय मंत्री जी ने ‘‘भारत में तटवर्ती एवं समुद्री संरक्षित क्षेत्रः चुनौतियों एवं भविष्य की राह’’ पर एक एन्विस बुलेटिन जारी किया, जो भा.व.सं. के वैज्ञानिक-ई, डा. के. शिवाकुमार द्वारा किया गया था। सम्मानीय मंत्री महोदय की गरिमामयी उपस्थिति की सराहना एवं आभार प्रदर्शन के रूप में भा.व.सं. के निदेशक डा. वी.बी. माथुर ने उन्हें संस्थान परिसर का नव-निर्मित रेखाचित्र स्मृति चिन्ह् एवं भा.व.सं. के वैज्ञानिक ई. डा. बी.एस. अधिकारी द्वारा हिमालय के उच्च स्थानों में पाये जाने वाले दुर्लभ पौधे, ब्ररह्मकमल (Saussurea obvallata) का फे्रम किया हुआ चित्र भेंट किया गया। अन्त में, भा.व.सं. के डीन, डा. पी.के. माथुर ने संपूर्ण प्रक्रिया को संक्षेप में समेटते हुए समारोह में भाग लेनन सम्माननीय मंत्री महोदय एवं सभी जनों का आभार व्यक्त किया।

सम्माननीय मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पर्यावरण, वन जलवयायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा एन्विस बुलेटिन जारी किया गया ‘‘ भारत में तटवर्ती एवं समुद्री संरक्षित क्षेत्रः चुनौतियां एवं भविष्य की राह’’ पर एन्विस बुलेटिन भारतीय वन्यजीव संस्थान ने ‘‘ भारत में तटवर्ती एवं समुद्री संरक्षित क्षेत्रः चुनौतियाँ एवं भविष्य की राह’’ पर एन्विस बुलेटिन प्रकाशित किया, जिसका सम्माननीय मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा डा. एस.एस. गब्र्याल, वन महानिदेशक एवं विशेष सचिव, भारत सरकार की उपस्थिति में भारतीय वन्यजीव संस्थान में 30 अगस्त, 2014 को विमोचन किया गया।